नेशनल डेस्कः भारतीय राजनीति के युगपुरुष रहे भारत रत्न पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी का आज यहां पारंपरिक विधि विधान तथा मंत्रोच्चार और गगनभेदी नारों के बीच पूरे राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया। जिसके साथ ही उनका पार्थिव शरीर पंचतत्व में विलीन हो गया। राजधानी के शांतिवन के निकट राष्ट्रीय स्मृति स्थल पर भारत रत्न वाजपेयी की दत्तक पुत्री नमिता भट्टाचार्य ने उनको मुखाग्नि दी और विधि विधान ग्वालियर से विशेष रुप से बुलाए गए पंडितों ने कराया। शस्त्र दाग कर वाजपेयी को सलामी दी गई।
पूर्व पीएम वाजपेयी की अंतिम यात्रा में पीएम मोदी चले पैदल
वाजपेयी की भाजपा मुख्यालय से शुरु हुई अंतिम यात्रा में आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राजघाट के निकट राष्ट्रीय स्मृति स्थल तक की यात्रा पैदल ही पूरी की जहां उनका अंतिम संस्कार पूरे राजकीय सम्मान के साथ किया गया । मोदी ने कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच उमस और कड़ी घूप में लगभग आठ किलोमीटर की यह यात्रा भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के साथ पूरी की । इस दौरान पूरे रास्ते भर बड़ी संख्या में लोग सड़क के किनारे खड़े थे और वे अपने प्रिय नेता को गमगीन भाव से बिदाई दे रहे थे।
नेताओं ने दी श्रद्धांजलि
इससे पूर्व पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और पूर्व उप प्रधानमंत्री लाल कृष्ण आडवाणी ने वाजपेयी को श्रद्धासुमन अर्पित किए। इसके बाद पार्थिव शरीर से लिपटा हुआ तिरंगा वाजपेयी की नातिन को सौंप दिया गया। इस मौके पर राज्यसभा में विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद, भाजपा के वरिष्ठ नेता मुरली मनोहर जोशी, कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी, समाजवादी पार्टी के नेता मुलायम सिंह यादव, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अशोक गहलोत,अकाली दल के सुखबीर सिंह बादल थे। अंतिम संस्कार के समय स्मृति स्थल के आस पास जन समूह का सैलाब उमड़ पड़ा और वाजपेयी अमर रहे के नारों से आसमान गूंजने लगा।
लाखों की तादाद में बच्चें, बूढे, स्त्रियां, युवक, किसान, कामगार तथा व्यापारी अपने प्रिय नेता की झलक देखने के लिए उपस्थित थे।
अंतिम यात्रा
अंतिम यात्रा आईटीओ, दिल्ली गेट, दरियागंज होते हुए स्मृति स्थल पहुंची और रास्ते में दोनों ओर लाखों की संख्यामें लोग खड़े थे और पुष्प वर्षा कर रहे थे तथा नारे लगा रहे थे। अंतिम यात्रा के लिए पूरे रास्ते में कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की गई थी। वाजपेयी के पार्थिव शरीर को फूलों से सजे एक वाहन पर रखा गया था और वाहन पर रंग बिरंगी बड़ी छतरियां लगाई गई थी। इस मौके पर तीनों थल सेना, वायु सेना और नौसेना सेना के दस्ते मौजूद थे। थलसेना की मराठा, सिख और गोरखा रजिमेंट के जवान भी उपस्थित थे। रक्षा मंत्री निर्मला सीमारमण और कई केंद्रीय मंत्री तथा भाजपा के वरिष्ठ नेता व्यक्तिगत रुप से पहले से ही स्मृति स्थल पर मौजूद थे और निगरानी कर रहे थे। वाजपेयी के अंतिम संस्कार के समय उनके परिवार के लोग भी उपस्थित थे। भूटान के नरेश जिग्मे वांगचुक, अफगानिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति हामिद करजई, श्रीलंका के कार्यवाहक विदेशमंत्री लक्ष्मण किरेला, बंगलादेश के विदेश मंत्री, नेपाल के विदेश, और पाकिस्तान के कानून मंत्री अली जफर मंत्री भी इस मौके पर मौजूद रहे।