Citizenship amendment bill 2019 passed in LS
नेशनल न्यूज डेस्कः लोकसभा ने मंगलवार को नागरिकता संशोधन विधेयक पारित कर दिया गया है। यह विधेयक अफगानिस्तान, पाकिस्तान और बांग्लादेश के छह अल्पसंख्यक समुदायों को भारतीय नागरिकता देने के मकसद से लाया गया है। यह विधेयक अगर कानून बन गया तो मज़हबी अत्याचारों के कारण 31 दिसंबर 2014 तक बांग्लादेश, पाकिस्तान और अफगानिस्तान से भागकर भारत में प्रवेश करने वाले छह अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों को भारत की नागरिकता मिल सकेगी। लोकसभा में यह विधेयक ग्रह मंत्री राजनाथ सिंह ने पेश किया। अफगानिस्तान, पाकिस्तान और बांग्लादेश के छह अल्पसंख्यक समुदायों को भारतीय नागरिकता देना आसान बनाने के मकसद से लाए गए विधेयक को लोकसभा ने पारित कर दिया है। गृहमंत्री राजनाथ सिंह की ओर से लोकसभा में पेश नागरिकता संशोधन विधेयक 2019 नागरिकता कानून 1955 में संशोधन के लिए लाया गया। संशोधित विधेयक बांग्लादेश, पाकिस्तान और अफगानिस्तान से धार्मिक अत्याचार की वजह से भागकर 31 दिसंबर 2014 तक भारत में प्रवेश करने वाले छह अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों को नागरिकता प्रदान करेगा। विधेयक के विरोध को खारिज करते हुए गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने साफ कहा कि यह बिल केवल असम के लिए नही बल्कि पूरे देश के लिए है। विधेयक के प्रावधानों की बात करें तो पाकिस्तान, बांग्लादेश, अफगानिस्तान से आए छह अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों को राहत मिलेगी। इन देशों से हिन्दू, सिख, बौद्ध जैन, पारसी और ईसाई धर्म के पीड़ित प्रवासियों को भारतीय नागरिकता मिल सकेगी। प्रावधानों के मुताबिक अब 12 साल के बजाय 7 साल से भारत में रह रहे इन अल्पसंख्यक प्रवासियों को देश की नागरिकता मिल सकेगी। यह विधेयक केवल असम ही नहीं बल्कि देश के हर राज्य और केंद्र शासित प्रदेश पर लागू होगा। जिन्हें इसके तहत नागरिकता मिलेगी वो देश के किसी भी हिस्से में रह सकेंगे।विधेयक पर हुई चर्चा के दौरान कई दलों ने इसका समर्थन किया तो कुछ दलों ने इसका विरोध किया है। चर्चा का जवाब देते हुए गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि सरकार एनआरसी लागू करने के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध है और किसी नागरिक को एनआरसी से बाहर नहीं किया जाएगा। उन्होंने असम के नागरिकों को भरोसा दिलाया कि असम के लोगों की पहचान, संस्कृति और भाषा के हितों की पूरी रक्षा की जाएगी। गृहमंत्री ने यह भी साफ किया कि असम समझौते को लागू करने के लिए तमाम कदम उठाए गए हैं। उन्होंने कहा केंद्र सरकार ने समझौते के क्लाज 6 के प्रावधानों को प्रभावी ढंग से लागू कराने के लिए एक उच्च स्तरीय समिति के गठन का फैसला किया है जो छह महीने में रिपोर्ट देगी। इससे पहले लोकसभा में अपराधियों और लापता लोगों की पहचान के लिए डीएनए तकनीक के प्रावधान वाला विधेयक पारित किया गया। साथ ही लोकसभा में ट्रेड यूनियन संशोधन विधेयक और लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण (संशोधन) विधेयक पेश किया गया। उधर राज्यसभा में तमाम मसलों पर विपक्षी दलों के सदस्यों के हंगामे के कारण मंगलवार को राज्यसभा की कार्यवाही दिन भर बाधित रही और पांच बार के स्थगन के बाद दोपहर साढ़े तीन बजे कार्यवाही पूरे दिन के लिए स्थगित कर दी गई. हंगामे की वजह से उच्च सदन में मंगलवर को भी शून्यकाल और प्रश्नकाल नहीं चल पाए. हंगामे के बीच ही स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने भारतीय आयुर्विज्ञान परिषद (संशोधन) विधेयक, 2018 चर्चा के लिए रखा।