Kedarnath film is playing with the Diginity of pilgrimage and the feelings of Hindu Dharma
मनोज जोशी,चंडीगढ़ः जब जब मैं इतिहास पढ़ता हूँ तो मालूम होता है कि केदारनाथ एक तीर्थ स्थान होने के साथ भावनाओ का संगम है, जहां प्राणी मात्र अपने मन से हर तरह की दुर्भावना त्याग कर सिर्फ महादेव की भक्ति और श्रद्धा के लिए पहुंचता है। लेकिन मौजूदा वक्त में हमारे जनमानस पर पैसा कमाने की ऐसी धुन सवार हुई है कि वो इन आदर्शों और प्रतीकों की मर्यादा तक भूल चुका है। ऐसा ही किया है निर्देशक अभिषेक कपूर ने ,अभिषेक कपूर ने अपनी आने वाली फिल्म "केदारनाथ" में, जहां उन्होंने केदारनाथ की पवित्रता को भंग करते हुए, हिंदुओ के प्रेरणा केंद्र और अत्यंत पवित्र स्थान को भी अशोभनीय चाल चरित्र में धकेल दिया है, जहां एक श्रद्धालु को सस्ते आशिक की तरह दिखाया गया है। प्रातः स्मरणीय आस्था का केंद्र केदारनाथ दुनिया भर में मौजूद हिन्दू समाज के लोगो की भावनाओं का घोतक है, जब ये फ़िल्म दुनिया भर में दिखाई जाएगी तो क्या छवि रह जायेगी हिंदूस्तान की, केदारनाथ की, एक निर्मल और निश्छल श्रद्धालु की। इस फिल्म के गाने में फिल्म की अभिनेत्री जब यात्रा कर रही है तब उस समय एक गीत चल रहा है गीत में प्यार मोहब्बत की बातें चल रही हैं,और कहा जा रहा है मैं तेरी मोहब्बत में काफ़िर बन चुका हूं और दोनों का इश्क इस तरह से दिखाया जा रहा है जैसे वह किसी गार्डन में घूमने गए है । यह किस प्रकार का कार्य हो रहा है जब भी हम यात्रा में जाते हैं हम एक भक्ति भाव में रहते हैं और हमारी इस यात्रा का इस तरह से मजाक उड़ाया जा रहा है। यही नही एक दृश्य में चुंबन दृश्य दिखाया गया है। भगवान श्री केदारनाथ जी हमारे चार धामों में से एक धाम है । फिल्म ट्रेलर में दिखाया गया एक लड़की को उसका प्रेमी नहीं मिलता इसलिए वह तब करती है ताकि पर ले आए इस फिल्म के प्रमोशन सॉन्ग चल रहे हैं उस में दिखाया जा रहा है यात्रा के दौरान एक हिंदू लड़की का एक मुसलमान के साथ प्रेम दिखाया गया है। जिस यात्रा के दौरान यात्री हर हर महादेव का जाप करते हैं, यह सीधा सीधा यात्रियों की यात्रा के दौरान भक्ति का अपमान है।यहां फिल्मकार केदारनाथ की मर्यादा को भंग करके, हिन्दू अस्मिता के साथ तो खेलते ही हैं साथ मे इस फ़िल्म में एक हिन्दू श्रद्धालु के अंतरंग दृश्य के मुसलमान के साथ दिखा कर वो साम्प्रदायिक रंग देकर देश का माहौल खराब करवाना चाहते है। इन रक्त पिपासु बन चुके पैसे के पीर निर्देशकों के प्रति एक सख्त कदम उठा कर यह निर्देश जारी करें कि हिन्दू अस्मिता से खिलवाड़ बर्दास्त नही किया जाएगा। समस्त विश्व का हिन्दू आज आशा भरी नजर से देश के प्रधान सेवक की तरफ देख रहा है।