15 kg explosive case in bus: after all, who was the woman who had to deliver the goods to the terrorists
जम्मू में बरामद 15 किलो विस्फोटक की जांच में बड़ा खुलासा, महिला ग्राउंड वर्कर्स की मदद ले रहे हैं आतंकी
जम्मू डेस्कः मंगलवार को जम्मू के बस स्टैंड क्षेत्र से बरामद हुए 15 किलो विस्फोटक मामले की जांच में जुटी एजेंसियों के निशाने पर कुछ महिला ओवर ग्राउंड वर्कर आई है। सुरक्षा एजेंसियों के माने तो इन महिलाओं का इस्तेमाल आतंकी संगठन अपने आतंकवादियों तक हथियार और गोला बारूद पहुंचाने के लिए करते हैं। मंगलवार को जम्मू के बस स्टैंड से बरामद 15 किलो विस्फोटकों की जांच का दायरा अब सुरक्षा एजेंसियों ने जम्मू से कठुआ और पुंछ जिलों तक बढ़ाया है। सूत्रों की मानें तो बस से हिरासत में लिए गए ड्राइवर, कंडक्टर और एक संदिग्ध ने पूछताछ में यह कबूला है कि यह बैग उन्हें कठुआ के बिलावर में एक महिला और पुरुष ने यह कह कर दिया था कि इसमें आटा है जो उनका रिश्तेदार जम्मू के बड़ी ब्रह्मणा इलाके से इस बस से ले लेगा। इसके बाद जब इस बात की भनक सुरक्षाबलों को लगी तो बस को राडार पर लिया गया। जब बड़ी ब्राह्मणा में वो शख्स बैग लेने नहीं आया तो इस बैग को बस स्टैंड से बरामद किया गया। पूछताछ और जांच में सुरक्षाबलों को पता चला है कि विस्फोटकों से भरे इस बैग को जो शख्स बड़ी ब्राह्मणा से लेने आने वाला था उसका नाम फारूक है और वह पुंछ का रहने वाला है। सुरक्षा एजेंसियों की मानें तो फारूक के तार कई आतंकी संगठनों से जुड़े हो सकते हैं और उनके इशारे पर ही वह विस्फोटकों का यह कन्साइनमेंट लेने जम्मू आया हो। इसके साथ ही सुरक्षा एजेन्सियां उस महिला की तलाश में जम्मू और कठुआ में जुट गयी है जिसने यह बैग बस में रखवाया था। सुरक्षाबलों की मानें तो वह महिला आतंकियों की ओवर ग्राउंड वर्कर हो सकती हैं। सुरक्षाबलों ने उस बैग को भी खंगाला है जिसमें विस्फोटक जम्मू लाए जा रहे थे। सूत्रों की मानें तो उस बैग में 15 किलो विस्फोटकों समेत दो पॉलिथीन बैग भी मिले है जिनमे लोहे और शीशे के टुकड़े बरामद हुए हैं। वहीं जम्मू कश्मीर सरकार जम्मू से बरामद हुए इस विस्फोटकों को राज्य की सुरक्षा के लिए खतरा नहीं बल्कि आतंकियों के खिलाफ चलाये जा रहे ऑपरेशन्स की जीत मान रहे हैं। जम्मू में गवर्नर के सलाहकार फारूक खान की मानें तो यह सुरक्षाबलों की चौकसी का ही नतीजा है कि आतंकियों के नापाक मंसूबे कामयाब नहीं हो रहे हैं। सुरक्षा एजेंसियां इस मामले को सुलझाने के लिए जम्मू, कठुआ और पुंछ में अपनी जांच का दायरा बढ़ा रही है।