Pak Exposed: India played audio of Sajid Mir in UNSC meeting, mastermind of Mumbai attack
न्यूज डेस्क, मुंबईः देश की आर्थिक राजधानी मुंबई में हुए आतंकी हमले की अगले महीने चौदहवीं बरसी है। इसके पहले ही मुंबई आतंकी हमलों को लेकर पाकिस्तान का असल चेहरा आज एक बार फिर से यूएन की आतंकवाद विरोधी समिति के सामने पेश किया गया। मुंबई के ताज होटल में चल रही संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की मीटिंग में भारत ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय के सामने मुंबई में साल 2008 में हुए आतंकी हमले के पाकिस्तानी कनेक्शन का खुलासा किया। इसमें दिखाया गया कि आतंकियों के आका मुंबई हमले की साजिश रच रहे थे और कैसे उन्होंने आदेश देकर इस हमले को अंजाम दिलाया। यह आदेश देने वाला साजिद मीर था जो उस वक्त पाकिस्तान में बैठकर मुंबई में आए 10 आतंकियों को फोन पर निर्देश दे रहा था।
साजिद मीर की ऑडियो क्लिप चलाई
इस संबंध में भारत ने अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा परिषद के सामने एक ऑडियो क्लिप भी चलाई। ऑडियो क्लिप मुंबई के छबाड़ हाउस की है जहां साजिद मीर आतंकियों से कह रहा था, 'जहां कहीं पर लोगों की मूवमेंट नजर आती है। कोई बंदा छत पर चल रहा हो या कोई आ रहा है या जा रहा है, उस पर फायर ठोको। उसे नहीं पता वहां क्या हो रहा है।'
भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि 26/11 का आतंकवादी हमला सिर्फ मुंबई पर ही नहीं बल्कि समूचे अंतरराष्ट्रीय समुदाय पर था। उन्होंने कहा कि अभी भी इस हमले में इंसाफ नहीं हुआ है। इससे जुड़े साजिशकर्ताओं और अपराधियों को सजा दिलाने का सिलसिला जारी है। मुंबई में चल रही इस बैठक में विदेश मंत्री एस जयशंकर के अलावा यूके के विदेश मंत्री जेम्स क्लेवर्ली, घाना के विदेश मंत्री, यूएई के गृहमंत्री समेत अन्य देशों के प्रतिनिधि शामिल हुए हैं।
साजिद मीर पर 50 लाख डॉलर का इनाम
साजिद मीर पर एफबीआई ने 5 मिलियन डॉलर (50 लाख डॉलर) का इनाम रखा है। अमेरिका और भारत इस आतंकी को पिछले एक दशक से खोज रहे हैं। साजिद मीर संयुक्त राष्ट्र में प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तैयबा से जुड़ा हुआ है। इसने डेविड कोलमैन हेडली समेत बाकी आतंकवादियों के साथ मुंबई में आतंकवादी हमला करने की योजना बनाई थी। उसे लश्कर सरगना हाफिज मोहम्मद सईद का भी करीबी माना जाता है। इसी महीने चीन ने साजिद मीर को प्रतिबंधित किए जाने के यूएन प्रस्ताव पर वीटो कर दिया था।
साजिद मीर 2010 तक लश्कर-ए-तैयबा के ऑपरेशन्स चीफ जकी-उर-रहमान लखवी की सुरक्षा का जिम्मा संभालता था। वह विदेश में न सिर्फ आतंकियों को रिक्रूट करता था बल्कि पाकिस्तान में टेरर कैंप चलाता था और आईएसआई के इंडियन मुजाहिदीन ऑपरेशन का भी हिस्सा था, जिसे कराची प्रोजेक्ट कहा जाता था।