Toolkit Case: Delhi Police said - Disha had sent kit to greta thunberg
नई दिल्लीः दिल्ली पुलिस ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर टूलकिट केस में अब तक हुई जांच के बारे में और दिशा रवि की गिरफ्तारी को लेकर जानकारी दी है। दिल्ली पुलिस ने बताया कि यह टूलकिट बेहद ही सुनियोजित तरीके से बनाई गई है। इसमें किस तरह से किसान आंदोलन को समर्थन देना है उसकी पूरी जानकारी थी। दिल्ली पुलिस ने बताया है कि दिशा ने टूलकिट को व्हाट्सएप ग्रुप बनाकर शेयर किया। सोशल मीडिया पर अफवाह फैलाई गई। टूलकिट को विश्वस्तर पर फैलाने साजिश थी। टूलकिट में गलत जानकारियां दी गईं।
इस टूलकिट का संबंध खालिस्तानी संगठन से है। इस टूलकिट को 4 फरवरी को बनाया गया था। इस टूलकिट में योग और चाय को नुकसान पहुंचाने से लेकर दूतावासों को भी नुकसान पहुंचाने की बात है। इससे भारत की छवि को नुकसान पहुंचाने की कोशिश की गई।
साइबर सेल के ज्वाइंट सीपी प्रेमनाथ ने बताया कि टूलकिट के कई स्क्रीनशॉट खुले प्लेटफॉर्म पर मौजूद हैं और उनकी जांच की जा रही है। जब जांच में पर्याप्त सबूत जुटा लिए गए तब टूलकिट की एडिटर निकिता जैकब के खिलाफ कोर्ट से 9 फरवरी को उनके खिलाफ तलाशी वारंट हासिल किया गया। इसके बाद एक टीम मुंबई गई और उनके पास से दो लैपटॉप और एक आईफोन मिला है।
पुनीत नाम की कनाडा में रहने वाली एक महिला ने इन लोगों को खालिस्तानी गुट पोएटिक जस्टिस फाउडेंशन से मिलवाया। 11 जनवरी को निकिता और शांतनु ने पोएटिक जस्टिस फाउंडेशन से जूम मीटिंग की और किस तरह से सोशल मीडिया पर पूरा अभियान चलाया जाना है इसे लेकर बैठक की। पुलिस ने ये भी बताया कि दिशा रवि ग्रेटा थनबर्ग को जानती थीं इसलिए उनसे कहा गया कि वो ग्रेटा को टूलकिट भेजें। तब दिशा ने ही ग्रेटा को टेलीग्राम एप के जरिए टूलकिट भेजा। पुलिस ने ये भी बताया कि गूगल ने टूलकिट को लेकर कई सवालों का जवाब दे दिया है, अन्य के जवाब भी जल्द ही मिल जाएंगे।